सबसे मुश्किल काम कौनसा हैं ? किस्सा बीरबल और अकबर का

सबसे मुश्किल काम  कौनसा हैं ? किस्सा बीरबल और अकबर का 
एक दिन दरबार में बीरबल कुछ देरी से पहुंचते हैं | तो अकबर पूछते हैं की बीरबल आज तुम देरी से कैसे आये तुम तो हमेशा समय पर आते हो |तो बीरबल कहता है की की जहांपना आज मुझे बच्चे को चुप कराने में देरी हो गई | इस बात का फायदा उठाते हुए बलदेव ये कहते हैं'की मित्र बीरबल बहाना तो कोई ढंग का बनाई |भला बच्चे को चुप करने में भी कोई समय लगता हैं |बच्चे को कोई भी खिलौना देदो वो चुप हो जायगा |इतने में ही अकबर कहते हाँ सही है बलदेव तुम सही कह रहे हैं |जहांपना आप इस लिएँ ऐसा कह रहे हैं,क्योंकि आज तक आपने किसी बच्चे को चुप कराया नहीं है ना |नहीं तो आप ऐसा कहते नहीं |तभी बीरबल कहता है,अगर ऐसा है जहांपना तो आप के लिएँ में बच्चा बनता हूँ |आप मुझे चुप कराए |अकबर हाँ कर देते हैं अच्छा ऐसा है तो चलो
akabar birbal story

शुरू करो |अब 
बीरबर: रोना शुरू करते हैं |
अकबर: पूछते है क्यों रो रहे हो चुप हो जाओ बेटा|लेकिन
बीरबल: रोना जारी रखते हैं |
अकबर: फिर पूछते हैं की क्या चाहिएँ तुमे अब
बीरबल: कहते हैं मुझे दूध चाहिएँ
अकबर: दूध मंगाते हैं |
बीरबल:दूध पीलेते है |उसके थोड़ी देर बाद फिर रोना शुरू कर देते हैं |
अकबर: अब क्या हुआ |क्यों रो रहे हो
बीरबर:मुझे हलवा चाहिएँ |
अकबर: हलवा  बनबाते है |
बीरबर: हलवा खाने के बाद | फिर से रोना शुरू कर देते हैं |
अकबर: क्या हुआ बेटा क्यों रो रहे हो |अब क्या चाहिएँ तुमें |
बीरबर: आप घोडा बनों मुझे आप की पीठ पर बैठ कर घूमना हैं |
बलदेव:ये क्या मजाक है |तुम जहांपना को घोडा बनाओगे |
अकबर:बलदेव ये बच्चा बना हैं |अच्चे को क्या पता
बीरबर: जल्दी बनो ना
अकबर:बीरबल को पीठ पर बैठा का घुमाते हैं |
बीरबर: कुछ देर बाद फिर से रोना शुरू कर देते हैं |
अकबर:अब क्या चाहिएँ तुमें |
बीरबर:मुझे मेले में जाना हैं |
अकबर:लेकिन बेटा इस समय तो हमारे इलाके में कही भी मेला नहीं लगा है |हम तुमको कैसे ले जाये |
बीरबर: नहीं मुझे मेला देखने जाना हैं |
अकबर:बलदेव जाओ आज अपने गाँव में  मेला लग बाओ |
बलदेव:जी जहांपना
अकबर:जलो बेटा मेला शुरू हो गया |
बीरबर: नहीं में रथ में नहीं घोडा पर जाऊंगा |
अकबर:ठीक है बेटा |बलदेव जाओ हमारा घोडा ले कर आओ|
बलदेव: जी जहांपना अभी लाया |
घोडा आ जाता हैं |
अकबर:चोलो बेटा बैठो घोडा पर
बीरबर: नहीं में इस पर नहीं बैठूँगा |
अकबर:क्यों क्या हुआ |अभी तुमें तो कहा था |की तुम घोड़े पर बैठोगे |
बीरबर: नहीं मुझे बोलने वाले घोड़े पर बैठ कर जाना हैं |
अकबर:बैठा बोलना वाला घोडा नहीं होता हैं |
बीरबर: नहीं में बोलने वाले घोड़े पर ही जाऊंगा |
बलदेव:ये क्या मजाक कर रहे हो |तुम भला बोलने वाला भी घोडा होता हैं |तुम ऐसा इस लिएँ कह रहे हो |की तुम्हे पता हैं की बोलने वाला घोडा नहीं होता हैं |
अकबर:अब तुम बीरबल जान बुझ कर ऐसा कर रहे हो |ताकि में हार जाऊ |
बीरबर: नहीं जहांपना |आज जब में अपने भांझे को चुप करा रहा था |तो उसने ऐसा कहा की मुझे बोलने वाले घोड़े पर मेला ले जाओ |इसी लिएँ मैने आप से सिर्फ वही चीजों के लिएँ जिद की है जो मेरे भांझे ने की थी |
अकबर:लेकिन फिर तुम कैसे चुप करा के आये |
बीरबर:वो जहांपना में उसको ये बोल कर आया हूँ |की में जब शाम को घर आऊंगा तब चलेगें |मेला देखने |
बलदेव:लेकिन मेला तो कहीं नहीं लगा था |तो तुमने झूठ क्यों वाला बच्चे से |
बीरबर: नहीं मैने कोई झूठ नहीं बोला मुझे पता था |की मुझसे आज देरी से आने का सवाल पूछा जायगा |
बलदेव: लेकिन बोलने वाला घोडा कहाँ हैं |
बीरबर: वो में उसको अपनी पीठ पर बैठा कर ले जाऊंगा |
अकबर: सही कहाँ बीरबल तुमने बच्चे को चुप करना |सबसे बड़ा काम हैं |

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