एक समय की बात हैं |एक तोता और मैना एक पेड़ पर निवास करते थे |उसी पेड़ के नीचे एक बृद्ध सांप भी रहता था |तो तोता और मैना रोज एक साथ दाना चुगने जाते थे |एक दिन किसी शिकारी के निशाने पर मैना आ गई और उसकी एक टांग टूट गई |इस बात से मैना रोने लगी |और कुछ दिनों बाद उसका जख्म भर गया |लेकिन वो अब भी उदास रहने लगी |की में आपके साथ चल नहीं सकती |और कहीं आप मुझे छोड़ गए तो |में तो अकेली रह ही नहीं पाऊँगी |क्या अब तुम मुझे छोड़ दोगे |इतनी बात सुन कर तोता ने अपने दोनों पंख ही निकाल दिए |और कहाँ की अब तो मेरे पास पंख ही नहीं है |तो अब में तुमें छोड़ कर कहीं भी नहीं जा सकता |अब वो जैसे-तैसे अपना पेट भरने लगे |इन सब बातों को वो सांप सुन रहा था |और मन ही मन उनके लिएँ भगवान से प्राथना कर रहा था |की हे भगवान इनको हमेशा खुश रखना |लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था |एक दिन अचानक एक तूफान आता हैं |ये देख कर तोता मैना को कहता हैं |की देखो तूफान आ रहा हैं |तुम यहाँ से कहीं और स्थान पर चली जा हो |लेकिन मैना बोलती हैं की नहीं में तुम्हें छोड़ कर नहीं जा सकती |में तुम्हारे बिना जिन्दी नहीं रह सकती हूँ |तोता तुम को में छोड़ने की नहीं कह रहा हूँ में तो ये कह रहा हूँ |की जब तूफान थम जाये तो आ जाना |लेकिन तूफान बहुत भंकर हैं |अगर तुम्हे कुछ होगा तो मेरा क्या होगा |तब मैना चली जाती हैं |कुछ दिनों बाद वो तूफान के थम जाने के बाद वापस लोट कर आती हैं |तो उसे तोता कहीं पर भी नजर नहीं आता हैं |तो वो उस पेड़ के नीचे बैठे सांप से पूछती हैं बाबा आपने तोता को कहीं देखा |तो सांप कहता हैं |की वो तो मर गया |मैना क्या लेकिन कैसे (सांप)बेटी जब तुम उसे छोड़ कर अकेली चली गई तो वो किस के लिएँ जिंदा रहता |इतनी बात सुन कर मैना बहुत रोई लेकिन अब रोने से क्या होता |फिर उसने देखा तो तोता मिट्टी के ढेर में नीचे दबा पड़ा था |उसने बचने की जरा सी भी कोशिश नहीं की |
मैने मैना को खुश करने के लिएँ, की कहीं उसे ऐसा ना लगे की में उसे छोड़ दूँगा | उसके लिएँ अपने पंख निकाल दियें उसने थोड़ी सी मुशीबत में मुझे ही छोड़ दिया |तो में अब किस के लिएँ जिंदा रहूँ |
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दोस्तों शायद इसे सच्चा प्यार कहते हैं |अगर फिर भी आपको इस कहानी के बारे में कुछ कहना हैं तो कमेंट करके जरुर कहने |हमें आपके विचारों का इंतजार रहेगा |
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