झूठी शान : जो है उसी में खुश रहना सीखे |

झूठी शान : जो है उसी में खुश रहना सीखे |

आज की कहानी एक पिता और बेटा के बीच की हैं |की पिता अपने बेटे को खुश रखने के लिए क्या-क्या नहीं करता हैं | तो चलिएँ कहानी शुरू करते हैं |
Jhuthi Shan

एक दिन विध्यालय के कुछ छात्रों ने पिकनिक पर जाने की योजना बनाई | और तय किया की सभी अपने-अपने घर से खाने का सामान लेकर आएंगे |इनमें से जीतू बहुत गरीब था,जब जीतू घर पहुंचा तो उसने अपनी माँ को सब कुछ बता दिया |की मुझे पिकनिक पर जाना है और सभी दोस्त अपने घर से कुछ न कुछ खाने के सामान साथ लेकर आएंगे |बच्चे की इतनी सी बात सुनकर माँ चिंता में पड़ गई,क्योंकि घर में कुछ भी नहीं था | बस कुछ खजूर थे,लेकिन माँ ने कहा कि पिकनिक पर खजूर ले जाना अच्छा नहीं रहेगा |तुम्हारे साथी तुम्हारा मजाक उड़ाएंगे |शाम को जब जीतू के पिता घर आए तो माँ ने बच्चे के पिकनिक के बारे में बताया |संयोग से उस दिन पिता की जेब में भी कुछ नहीं था |लेकिन पिता अपने बच्चे को दुःखी नहीं देखना चाहते थे,इस लिए उन्होंने तय किया की वह पड़ोसी से पैसा उधार लेकर आएंगे |और बच्चे के पिकनिक पर कुछ खाने का सामान ले जाने की इच्छा जरुर पूरी करेंगे |जब पिता घर से जाने लगे तो जीतू समझ गया की पिताजी उधार लेने जा रहे हैं |वह तुरंत भागकर पिता के पास पुहंचा और बोला की मेरे लिए उधार माँगने के कोई जरूरत नहीं हैं |वैसे भी में पिकनिक पर नहीं जाना चाहता था |और अगर जाना भी चाहता हूँ तो घर पर खजूर रखे है उनको ले कर चला जाऊंगा |कर्ज लेकर शान दिखाना ठीक नहीं हैं, अपने बेटे की या बात सुनकर पिता की आँखों में खुशी के आंसू आ गए |और तुरंत अपने बेटे को गले से लगा लिया |

आज की सीख :

किसी से उधार लेकर शान दिखने से अच्छा है की आपके पास जो कुछ है, उसी में खुश रहें |

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